Thursday, 15 November 2012

7 benefits of rising early and how to became a early riser.




 दोस्तों आपको पता होगा की सुबह उठाना कितना मुस्किल है .पर  यदि सुबह उठने के फायदे जानोगे तो आप जरुर सुबह जल्दी उठना चाहोगे.और ये tips  शायद  आपको सुबह उठने में मदद करेंगे.इसलिए  दोस्तों  आज मै आपके साथ सुबह उठने के फायदा और आप सुबह कैसे जल्दी उठ सकते है share  कर रहा हूँ.


1.दिन की अच्छी शुरुवात- यदि आप सुबह जल्दी उठोगे तो आपके दिन की शुरुवात अच्छी होगी. सुबह उठिए god को थैंक्स कहिये  की मै आज भी जिन्दा हूँ.और अपने दिन की शुरुआत कीजिये. नयी सोच लाइए. अपने बारे में अच्छा सोचिये की आप फिर एक नए दिन की शुरुवात कर रहे है .आज मै इस दिन को waste  नहीं करूँगा . अपने लियें आज मै कुछ अच्छा करुंगे. ये thinking आपको नयी energy, strength देगी .मै सुबह उठ कर walk पे जाना पसंद करता हूँ.अपने छोटे भाई  को स्कूल छोरना पसंद है मुझे .आप भी कुछ ऐसा ही कर सकते है जिससे आपके दिन की शुरुवात बेहतर होगी. i think , there is no better way to start off your day than to wake early in my experience.



2. शांत माहोल और वातावरण.- जब आप सुबह जल्दी उठोगे तो आपको शांत माहोल मिलेगे.आपको पता ही होगा की इस crowdy  जिंदगी में शांत माहोल मिलना कितना मुस्किल है. ना कोई बच्चा की रोने की आवाज़ ,ना कार, ना टेलीविज़न  एकदम शांत माहोल .आप इस सुबह को अछे से enjoy कर सकते हैं.आप कोई भी अपना मनपसंद कम कर सकते है , जैसे – मै सुबह में अपनेarticle लिखना पसंद करता हूँ . आप भी कुछ लिख सकते है , कुछ सोच सकते हैं. सुबह का माहोल आपको बहुत मदद करेगा.


3. सुर्यौदय- जो लोग सुबह देर से उठते है वो कुदरत के सबसे अछा नजारा sunset नहीं देख पाते हैं.  I love how the day slowly gets brighter, when the midnight blue turns to lighter blue, when the brilliant colors start to seep into the sky, when nature is painted in incredible colors..sunset के समय धयान करना मुझे बेहद पसंद है. मुझे इस समय दौरना बहुत पसंद है. जब मै दौरता हूँ तो आकाश की तरफ जरुर देखता हूँ.मुझे ये अच्छा लगता है. यदि आप सुबह जल्दी उठोगे तो आप भी सूर्योदय देख सकते हो और इसे एन्जॉय कर सकते हो.





4.BREAKFAST- यदि आप सुबह जल्दी उठियेगा तो आपके पास नास्ता का टाइम होगा. सुबह का नास्ता दिन भर के खाने का important part है.यदि आप सुबह healthy नास्ता  करोगे तो आपके लंच का tension नहीं होगा. यदि आपने नास्ता नहीं किया हो तो फिर आप lunch में बहुत भूखे होंगे.और उस भूख मै आप कुछ भी unhealthy भोजन कर सकते है.  इसलिए सुबह उठिए ,  ब्रेकफास्ट कीजिये  और अपना दिन बेहतर  बनाइये.



5.EXERCISE- सुबह के अलावा भी exercise करने का टाइम है लेकिन जैसा मुझे लगता है ,exercise के बाद work करना बहुत अच्छा होता है. exercise करने के बाद आप अपने काम को enjoy कर सकते हो. इसलिए सुबह का exercise कभी cancel मत कीजिये.


                                                  
6.GOAL TIME- मेरे अनुसार सुबह thinking करने का सबसे अच्छा टाइम हैं. इस सुबह में आप अपने goal के बारे में सोच सकते हो.आपने कहाँ तक work किये और आगे आपको goal पाने के लिए कितने work और करने हैं.आज आपको क्या क्या काम करना है.आप सुबह जल्दी उठकर अपने पुरे दिन की planning कर सकते हो.



हैं. तो यदि आप सुबह जल्दी उठोगे तो आप अपने  appointment पर टाइम से जा सकते हैं.आप appointment  के बारें में सोच सकते हैं.   आपके पास सोचने का टाइम bhi होगा .यदि आप late उठेंगें तो आप कुछ भी नहीं सोच पाएंगे  और कुछ गलत कर  देंगे. और आप लेट से पहचुंगे.और किसी से लेट से मिलना आपकी personality  को ख़राब कर सकता हैं. इसलियें अपने टाइम का ख्याल रखियें.

HOW TO BECOME A EARLY RISER.
यदि आप सुचमुच सुबह जल्दी उठना चाहते है तो ये tips आपकी  जरुर मदद करेगा.
.ज्यादा changes मत लाइए – जैसे आप सुबह में 8 बजे उठते है तो आप 15 -20 मिनट पहले उठने की कोशिश कीजिये. धीरे धीरे स्टार्ट कीजिये कीजिये . उसके बाद फिर उसके 20 30 मिनट पहले उठिए.इससे आपका संतुलन बना रहेगा और आप सुबह जल्दी भी उठेंगे.



.जल्दी सोने की कोशिश कीजिये- यदि आप देर रात तक टीवी  देखते हो या नेट net surf करते हो कोई और काम. इसमें आप थोरा changes लाइए bed पे तभी जायें जब आपको सुचमुच नींद आ रही हो . ये नहीं की आपको नींद आ रही है और आप टीवी देख रहे हो .वो हेल्थ के हानिकारक करक है. और हाँ  ,ये नहीं की आप बीएड पे जाके सोने की कोशिश कर कर रहे हो .इससे आपका टाइम waste होगा. बॉडी  को जरुरत के अनुसार आराम चाहिए . जैसे आप थके हुए हो तो आपको ज्यादा चाहिए मतलब आप आज थोरा जल्दी सो सकते हैं. daily एक time पे सोने की जरुरत नहीं है.बॉडी के need के अनुसार सोयिये.इससे आपका मानसिक संतुलन बन रहेगा.और आपका health भी अच्छा रहेगा .


.अपने अलार्म क्लॉक को bed से दूर रखिये – यदि अलार्म क्लॉक को पास में रखेंगे  तो जैसे ही अलार्म बजेगा आप तुरन्त उसे बंद कर देंगे. इसलिए उसे  bed से थोरा दूर रखें ताकि  जब आप उठकर  उसे बंद करने के लियें जायेंगे तब तक आप जग चुके होंगे
.
जितना जल्दी हो सके बेडरूम से दूर चले जायें- अलार्म बंद करने के तुरंत बाद आप bedroom से बाहर चले जायें. क्योंकि bed  को देखके आपको सोने का ख्याल फिर से आ सकता है .इसलिए जितना जल्दी हो सके bedroom  से बाहर जाइये , brush कीजिये , face wash  कीजिये एंड  थोरा walking कीजिये. आप फ्रेश हो जायेंगे.


उठने का कुछ बहाना अपने पास रखिये – उठने का कुछ बहाना अपने पास रखिये , जैसे मुझे सुबह  उठकर क्रिकेट खेलने जाना , या jo भी आपको पसंद  उसके बारे में सोचें. मुझे सुबह उठके अपने articles लिखना पसंद है , इसलियें मै सुबह जल्दी उठता हूँ ताकि मै अपना article पूरा कर सकूँ. आप भी सुबह उठने के reason अपने आपस खोजें. . आप definitely सुबह जल्दी उठेंगे.students सुबह उठके अपने पढाई के बारें में सोच सकता है. शायद सुबह का पढाई उसे exam me top करा दे

 .
Make waking up early a reward.-  कभी कभी आपके दिमाग में आ सकता है हम अपने आप को force  कर रहे है सुबह में उठने को. इसलिए आप सुबह उठने के पुरुस्कार को धयान में रखिये जैसे- अच्छा breakfast,sunrise ,exercise, mediation  nice thinking atmosphere,अलग अलग birds के मधुर आवाज़ . यदि आप इसके बारे में सोचेंगे तो आप खुस हो जायेंगे और आप सुबह जल्दी उठने चाहेंगे
.
                         सुबह जल्दी उठने को अपना आदत बना लीजिये.इसे बोझ मत समझें .आप definitely सुबह उठेंगे , और जरुर grow करेंगे.


 note- दोस्तों यदि आपको ये पसंद आया हो तो इसे friends के साथ जरुर share  करें. इससे आपके दोस्त को भी सुबह उठने में मदद मिलेगा. और comment  करना मत भूलियेगा.







Tuesday, 13 November 2012

college life  के सभी पाठकों एवं प्रियजनों को

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।  

यह festival आप सभी के जीवन में ढेरों  खुशिया लेकर आये।

Monday, 5 November 2012

HOW TO PREPARE A SEMESTER EXAM


exam की तैयारी किसी कारण से मुश्किल हो सकती है ये टिप्स शायद आपकी मदद आकरे आपके एक्साम की तैयारी में ......
1.     Preparation of exam.
2.     Method of reading.
3.     How to attempt question in exam.
4.     What to do before exam.

Preparation of  exam
-be positive. अपने confidence level को बढ़ाये.u can do this.जितना अछि अच्छीआपकी सोच होगी उतना अच्छा आप होंगे.

- आप देखिये की आपके पास exam का  टाइम कितना है और आपके पास exam में subject कितने है

-easy and hard subject को divide कर लें means जो subject को आपको easy और hard लगता हो  उसे divide कर लें so that आपको पता हो सके कौन सा subject  पे कितने टाइम देना है.जैसे को किसी को math पसंद है किसी को नहीं
.
-जितने भी subject हो उसके important  chapter जो exam के द्रिस्टी से important हो .उसे tick mark करें .so that आप जयादा time उस chapter पे दे सकें.यदि आप कायदे से सभी चीज करें थो आपका exam  पहले की comparison easy हो जायेगा
.
method of reading
-जिस भी chapter  को पढना है पहले उसके theory and numerical part को divide  करें .उससे आपका कम आसन हो जायेगा .दोनों पे बराबर टाइम दे.क्योंकि यदि आपको theory आएगा तभी आप numerical कर पाएंगे
..
-chapters  के सभी चित्रों को यद् कर लें .चित्र exam के  important होते है.यही आपको exam में अछे नंबर दिलाता है यदि आपने figure बना लिया तो आपका question 70 percent  बन गया .इसलिए इसे कभी मत भूलें
.
-chapters  को जितने jitne important derivation  है उसे आप सबसे पहले कर लें क्योंकि ये exam में पुरे नंबर दिला  सकता है.एक बार book से देख कर के फिर अपने से उसी समय करिएँ so that वो आपको हमेशा याद रहे
.
-chapters  के सभी formule को एक जगह लिख ले so that  वो आपको हमेशा याद रहे .इससे आपका numericla करना आसन हो जायेगा
.
-कभी numerical को रटने की कोशिश न करें.concept  पे धयान दें.यदि आपको concept आ जायेगा थो आप कोई भी numericla exam में  आसानी कर सकते है.और आपका confidence level  भी high रहेगा
 .
-जो topic आपने किया है उसके numericals आप उसी समय और exercse से करें.जिसे आपका numerical से  डर खत्म हो जायेगा .पहली बार आप गलत बनोगे पर अगली बार आप जरुर ठीक करगे
.
-सबसे important जो chapter  आपने आज पढ़ा है उसे कम से कम एक बार कल जरुर देखें so that  वो आपको याद रहे नहीं tho  पता चला आपने आगे chapters किये और पीछे वाले भूल ग
.
-कभी पढने का मन नहीं करे तो या तो आप कोई अच्छा सा music सुन लो या जो chapter  आपको सबसे आसन लगता हो उसे बैठ के पढो.मुश्किल चीज से दूर रहे ये आपको phir से पढाई मे वापस ला सकता है
.
how to attempt questions in exam.






-सबसे पहले अच्छे से सभी questions को पढ़ें .समझें तभी attempt लेना start करें.
-जो 
question  आपको सबसे अच्छा आता है उसे आप tick mark करें. और जो question  नहीं आता  है उसके बारे में मत सोचें.

-जो question  आपको सबसे अच्छा से आता है उसे सबसे पहले करें क्योंकि examiner  सबसे पहले आपका पहला question ही देखता है.first impression is the last impression so यदि आप पहला question  अच्छा करें examiner  का postive approach  होगा आपके answer sheet के प्रति
.
-examiner के इतना टाइम नहीं होता है आपका पूरा पेपर पढ़ें सो कुछ ऐसा करिएँ जिससे examiner  आपका पेपर देखने को मजबूर हो जाये जैसे जितना हो सके figure बनाने की कोशिश करें.और main point  हो उसे highlight karein.इससे examiner  खुस होगा और अच्छे नंबर मिलेंगे.

-जितने भी formula आपने numerical में बनाया हो उसे बॉक्स में घेर दें.क्योंकि examiner आपका फ़ॉर्मूला  ही देखेंगे.

-जितना हो सकें  को point  में लिखने की कोशिश करिएँ .examnier  का postive approach होगा
.
-attempt सभी question को करें .एक भी question  को न छोरें.पुरें  टाइम का उपयोग करें
 .
what to do before exam.

-early to bed and early to rise.जल्दी रात को सोयें and  जल्दी उठे इससे आपका memory and आपका mind  का मानसिक संतुलन बना रहेगा.
-healthy  भोजन करिएँ .fast food  से दूर रहे.

-अपना daily routine maintain करें .पढाई के अलावा खेल और कोई अच्छी सी मूवी भी देख सकते हैं.इससे आपको पढाई बोझ नहीं लगेगा
 .
-bad friend circle  से दूर रहे जो आप[को discpurage करता हो.
-सबसे important  अपने बारे में गलत न सोचें.postive approach रखें.you can do this.


यदि आप अपने एक्साम की तैयारी planning  से करिएँगे जो उप्पेर बताया गया है तो आप जरुर sucess  करेंगे its my guarnatee.

this have been written by my own experience in my semester exam.you can aaply this things in your exam.सफलता जरुर आपके कदम छुवेगी.

यदि आपको ये अच्छा लगा हो  तो जरुर कमेन्ट करें.मैं फिर आपके लिए कोई अच्छा topic  लाऊंगा.


Wednesday, 31 October 2012

worlds youngest ceo -SUHAS GOPINATH

आज college life  पे हम आपको मिलवायेंगे दुनिया के YOUNGEST CEO से . CEO (Chief Executive Officer) यानि किसी company का सबसे प्रमुख अधिकारी ,कहने की बात नहीं है कि यह एक बहुत ही जिम्मेदारी भरा पद है. और इस पद तक पहुचते-पहुँचते बाल सफ़ेद हो जाते हैं........he is ideal person for me.....so i make first blog for him.
  

जब पहली बार मेरे मन में ये सवाल आया कि भला दुनिया का सबसे कम उम्र वाला CEO कौन होगा , तो मैंने सोचा जरूर ये कोई American होगा, जिसने बीच में ही अपनी पढाई छोड़ कर किसी गराज से कोई IT कंपनी शुरी की होगी . कोई Bill GatesSteve Jobs types. पर मेरे लिए ये एक बेहद सुखद आश्चर्य था कि World’s Youngest CEO कोई और नहीं बल्कि एक भारतीय है.

तो आइये हम आपको मिलवाते हैं दुनिया के youngest CEO, Mr. Suhas Gopinath ( सुहास गोपीनाथ) से.

 आज से करीब दस-बारह साल पहले जब सुहास ने Globals Inc की foundation डाली थी तो वो महज चौदह वर्ष के थे,और तब उन्हें खुद ही नहीं पता था कि वो दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बन गए हैं. और ये काम उन्होंने किसी आलिशान office में बैठ के नहीं बल्कि Banglore के एक छोटे से Cyber-Cafe में बैठ कर किया था.
आज Globals Inc एक multi-million dollar company है और इसके operations USA, UK, Spain, Australia, इत्यादि देशों में फैले हुए हैं. मात्र पच्चीस वर्ष की अवस्था में, जब जादातर लोग अपनी पढाई पूरी करने में ही लगे होते हैं; तभी Suhas Gopinath ने अनेकों उपलब्धियां हांसिल कर रखी है –
  • वो World Bank की ICT Advisory Council के BOARD MEMBER हैं
  • साल 2007 में उन्हें European Parliament and International Association for Human Values ने “Young Achiever Award से सम्मानित किया.
  • World Economic Forum. ने उन्हें ‘Young Global Leaders’for 2008-09 के सम्मान से भी नवाजा.
  • वो World Economic Forum हे अब तक के सबसे young member भी हैं.
क्या बात है!!!
आइये उन्ही की जुबान से जानते हैं उनकी कहानी:
सुहस का बचपन:
मैं एक माध्यम-वर्गीय परिवार से belong करता हूँ . मेरे पिता Indian Army में बतौर Scientist काम करते थे. और मैं Banglore के Airforce School में पढता था. बचपन में मेरा interest animal और vetrinary science में था . लेकिन जब मैंने अपने दोस्तों जिनके पास PC था; को कंप्यूटर के बारे में बात करते सुनता था तो मेरे अंदर भी एक चाहत उत्पन्न हुई की मैं भी उनकी तरह बात करू.
उस वक्त हमारे घर पे computer नहीं था और न ही हम उसे afford कर सकते थे. इसलिए मैंने अपने घर के नजदीक ही एक Internet Cafe find किया, तब मुझे हर महीने सिर्फ 15 रूपए बतौर pocket money मिलते थे, इतने पैसों में रोज internet नहीं surf किया जा सकता था. लेकिन मैंने इस दूकान के बारे में एक चीज notice की थी, ये हर रोज दोपहर में 1 बजे से 4 बजे तक बंद रहती थी. मैंने दुकानदार को एक offer दिया कि school के बाद 1 बजे से 4 बजे तक मैं आपकी दूकान खोलूँगा और customers का ध्यान रखूंगा. बदले में आप मुझे free में net surf करने देंगे. ये मेरी life की पहली business deal थी, और ये काफी सफल साबित हुई.
Website बनाने की दीवानगी:
अब मेरे पास कंप्यूटर और Internet दोनों था ..धीरे-धीरे मैंने website बनाना शुरू कर दिया. और कुछ ही समय में ये मेरा passion बन गया. Internet पे कुछ freelance marketplace होते हैं जहाँ मैं एक website-builder के रूप में registerहो गया. मुझे पहली वेबसाइट free of cost बनानी पड़ी क्योंकि मेरे पास references नहीं थे. ये New York के एक कंपनी की वेबसाइट थी. मेरी पहली कमी $100 की थी जो मुझे एक अन्य website बनाने पे मिली, तब मैं 13 वर्ष का था. चूँकि मेरा कोई bank account नहीं था इसलिए मैंने अपने पापा को इस बारे में बताया.
मैं पैसे को ले के जरा भी excited नहीं था. क्योंकि मई ये काम पैसे के लिए नहीं, अपने passion के लिए करता था. मैं free में भी वेबसाइट बनाता था, तब मैं नौवीं कक्षा का ही छात्र था. उसके बाद मैंने coolhindustan.com नाम का एक पोर्टल बनाया. जो NRIs पे focussed था. मैं इस पोर्टल के माध्यम से अपनी skills दिखाना चाहता था. उसके बाद तो कई कम्पनिया मुझे अपना web-designer बनाने के लिए approach करने लगीं.
जब अपना पहला computer खरीदा:
जब मैं 9th class में था तभी मैंने computer खरीदने के लिहाज से काफी पैसे जमा कर लिये थे. उस समय मेरा भाई Engineering कर रहा था , पापा ने सोचा उसे कंप्यूटर की ज़रूरत है और उसके लिए कंप्यूटर खरीद दिया, कुछ ही समय में मैंने भी एक कंप्यूटर खरीद लिया. पर मेरे घर पे net-connection नहीं था. Net-cafe में जादा समय देने से मेरी पढाई भी प्रभावित हुई. मैंने 9th के बाद अपनी सारी summer vacation cafe में काम करते हुए बिताई.
जब US से job-offer मिला :
जब मैं चौदह साल का था तब US की एक कंपनी NetworkSolutions से मुझे part -time job का offer मिला, वो US में मेरी education भी sponsor करने को तैयार थे . पर मैंने वो offer reject कर दिया क्योंकि उसी दौरान मैंने Bill Gates के बारे में पढ़ा था किउन्होंने कैसे Microsoft कि शुरुआत की थी.
मैंने सोचा अपनी कंपनी शुरू करने में जादा मजा है. US की कई कंपनियां मुझसे कहती थीं कि मेरी तो मूंछ भी नहीं है और वो मेरी services लेने में insecure feel करती हैं. वो मेरी ability को मेरी उम्र और qualification से जोड़कर देखती थीं.इसलिए मैंने अपनी कंपनी शुरू करने कि सोची ताकि मैं दुनिया को दिखा सकूं कि age और academic qualification मायने नहीं रखते हैं. मैंने निश्चय किया कि जब मैं अपनी कंपनी start करूँगा तो मैं सिर्फ youngsters को लूँगा और उनसे उनकी academic qualification या marks के बारे में नहीं पूछूँगा. आज मैं इस चीज को अपनी कंपनी में follow करता हूँ.
जब चौदह साल की उम्र में अपनी company start की :
Class 9th की छुट्टियाँ खतम होने के कुछ दिन बाद ही मैंने अपनी कंपनी Globals Inc. की शुरुआत की. मैं कंपनी का नाम Global या Global Solutions रखना चाहता था, पर दोनों ही नाम available नहीं थे, इसलिए मैंने Globals नाम रख लिया.
मैंने अपनी कंपनी US में register कराइ क्योंकि India में आप 18 वर्ष से कम उम्र में कंपनी नहीं डाल सकते. US में कंपनी शुरू करने में बस 15 minute लगते हैं. मैं company का owner और CEO बन गया, मेरा एक दोस्त जो अमेरिका की एकUniversity का छात्र था board member बन गया. मैं काफी excited था क्योंकि यही तो मैं करना चाहता था. उस दिन से मैं अपनी कंपनी को Microsoft के जितना बड़ा बनाने का ख्वाब देखेने लगा.
पहले साल में Globals Inc का turn-over Rs. 1 lac था ,जो दुसरे साल में बढ़कर Rs. 5 Lac हो गया.
स्कूल में अच्छा ना करने पर:
अपने pre-board CBSE exam में मैं Mathematics में fail हो गया. स्कूल की हेड-मिस्ट्रेस shocked हो गयीं,क्योंकि पहली बार मैं किसी subject में fail हुआ था. उन्होंने मेरी माँ को बुलाया और मेरी शिकायत की. घर पे माँ ने मुझसे कसम ली की मैं पढाई पे ध्यान दूँगा. मैंने अपनी माँ से कहा कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ,Bill Gates ने अपनी पढाई पूरी नहीं की तो आप मुझे पढाई के लिए force क्यों करती हैं? तब उन्होंने कहा कि मैं sure हूँ कि तुम्हारी और उसकी कुंडली एक जैसी नहीं हैं.
मैं एक ऐसे परिवार से हूँ जहाँ entrepreneurship को पाप समझा जाता है. मेरी माँ काफी upset थीं , वो चाहती थीं कि मैं पहले Engineering और फिर MBA करके किसी अच्छी कंपनी में काम करूं. अपनी माँ कि इच्छाओं का ख़याल रखते हुए मैंने चार महीने तक अपनी कंपनी के लिए कोई काम नहीं किया और board exams की तयारी में जुट गया . मैंने परीक्षाएं first class में पास की.
मैं अभी भी feel करता हूँ कि सिर्फ bookish knowledge से कुछ नहीं होता ,practical knowledge बहुत जरूरी है.
Europe बतौर एक Market:
जब मैं 16-17 साल का था तब तक मैंने अपनी कंपनी के बारे मैं घर मैं किसी को कुछ नहीं बताया था, वो येही समझते थे कि मैं एक freelancer हूँ . हम लोग वेबसाइट बनाना , online-shopping , e-commerce से related काम करते थे . कभी कभी हम US में part-time programmers को भी काम देते थे, पर अभी तक हमारा कोई ऑफिस नहीं था. जब मैं सोलह साल का था तब मैंने महसूस किया कि Europe में काफी opportunities हैं क्योंकि जादातर भारतीय IT companies US पे ही focus कर रहीं थीं. जब मैंने Spain कि एक कंपनी को contact किया तब उन्होंने हमारे साथ ये कहते हुए काम करें से मना कर दिया कि Indians को Spanish नहीं आती.
एक entrepreneur rejection नहीं स्वीकार कर सकता खासतौर पे जब वो young हो. मैंने Spanish Universities से पांच interns को hire किया और उन्हें उनके successful sales के हिसाब से pay करने को कहा. इन लोगों ने हमारी कंपनी के लिए projects लाये . तब मैंने decide किया कि Spain में हमारा एक office होना चाहिए.ठीक ऐसा ही मैंने Italy में भी किया.
जब Germany में Entrepreneurship पर बात करने गए :
American news-paper और BBC मेरे बारे में काफी कुछ बता रहे थे “World’s youngest CEO at 14 from a middle class background” मैंने कभी lime-light में आने के बारे में नहीं सोचा था, मेरे लिए तो एक कंपनी स्टार्ट करना मेरे passion का हिस्सा था. ये सब देख कर Germany के एक B-School ने मुझे entrepreneurship पर अपने स्टुडेंट्स से बात करने के लिए invite किया. तब मैं 17 साल का था , मैंने अपनी बारहवीं कि पढाई पूरी कर ली थी और बेंगलुरु के एक Engineering College में दाखिला ले लिया था. जब मैं 18 साल का था तब मैंने अपनी कंपनी का Europeanhead-quarter, Bonn में set-up कर दिया.
इस तरह से हमने एक छोटे से Internet Cafe से एक multi-national company तक का सफर तय किया जिसके operations आज Europe, Middle East, the US, Canada, the UK, Australia,आदि जगहों पर फैले हुए हैं.
जब 18 साल में भारत में कंपनी register की :
जिस दिन मैं अठारह साल का हुआ उसी दिन मैंने अपनी कंपनी को भारत में Globals नाम से register कर लिया और चार लोगों को recruit कर लिया. मैंने अपना ऑफिस उसी cafe के बगल में खोला जहाँ से मैंने अपने career की शुरुआत की थी. अब तक वो cafe बंद हो चूका था और उसका मालिक किसी फैक्ट्री में काम करने लगा था. वो जब ही मुझे मिलता मै उससे येही कहता कि “ आपने मुझे तो entrepreneur बना दिया पर खुद एक नौकरी कर ली”
कंपनी को एक Products company बनाने पर:
हम अपनी कंपनी को एक products company भी बनाना चाहते थे और हमारा focus education पर था. हमने एक ऐसा software बनाया है जो बच्चे के स्कूल में दाखिले से लेकर उसके निकलने तक उसकी सारी जानकारी रखे.हम इस क्षेत्र में market leader बनाना चाहते हैं. आज हमारा ये सॉफ्टवेर India, Singapore और Middle-East के सौ से जादा विद्यालयों में use हो रहा है.
जब Ex-President डा. अब्दुल कलाम से मुलाक़ात हुई:

ब मैं Dr.  Abdul Kalam से मिला तब वो भारत के राष्ट्रपति थे. तब मैं 17-18 साल का था . वो meeting 15 min की होनी थी लेकिन हमारा conversation इतना intense था कि हमारी मुलाक़ात देढ घंटे तक चली. मुझे लगा ही नहीं कि मैं President of India से बात कर रहा हूँ. हम लोगों ने दो दोस्तों की तरह बात की. वो पहले टेबल की दूसरी ओर बैठे थे ,फिर बाद में मेरी बगल में आ के बैठ गए.यह मेरे लिए एक बड़ा ही यादगार और अच्छा learning experience था.
2005 में World Bank का board-member बनने पर:
अपनी parents की इच्छानुसार मैंने engineering में दाखिला तो ले लिया पर Bill Gates की तरह उसे complete नहीं कर पाया. जब मैं 5th Semester था, तब World Bank ने मुझे उनकी board meeting attend करने के लिए invite किया. उस board में मैं ही एक Indian था . इसका objective था कि emerging economies में किस तरह ICT का प्रयोग करके quality of education को improve किया जाय. Mr. Robert Zoellick , the President of World Bank सिर्फ Americans को बोर्ड में नहीं चाहते थे, वो और भी देशों से members चाहते थे. और चूँकि वो education पे focus कर रहे थे इसलिए वो young minds को इसमें include करना चाहते थे.
मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी Worls Bank का Board Member बनूँगा. ये मेरी जिंदगी का सबसे unforgettable moment था.मुझे direct Robert B Zoellick को report करना था. CEO of Cisco, VP of Microsoft ,CEO of SAP, etc भी इस बोर्ड के मेम्बर थे.
अपनी कंपनी के future पर :
मैंने हमेशा येही माना है कि IT महज एक technology नहीं है बल्कि problems solve करने का एक tool है. और मैं येही इसcompany में करना चाहता हूँ . मैं चाहता हूँ कि Globals, educations से related software solutions provide करने में market-leader हो.
जब मैं छोटा था तब मैं पैसों के बारे में जादा care नहीं करता था , लेकिन अब मैं अपने employees के लिए उत्तरदायी हूँ ,अगर मैं पैसों के बारे में न सोचूं तो हम scale-up नहीं कर पायेंगे. जब मैंने बेंगलुरु के एक cafe से कंपनी शुरू कि थी तब मैंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ये multi-million dollar कंपनी बन जायेगी . मेरा driving force मेरा passion है और अभी तक का सफर काफी amazing रहा है.

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